लापरवाह अधिकारियों को सदन में बुलाकर दंडित किया जाए- यशपाल आर्य

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कानून व्यवस्था पर चर्चा में नेता विपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों को विधानसभा में बुलाकर दंडित किया जाए। विधानसभा में नियम 58 पर चर्चा करते हुए यशपाल आर्य ने कहा कि कुछ अधिकारी कांग्रेस से लेकर भाजपा सरकार में तक खास बने रहते हैं।

लेकिन ऐसे अधिकारी प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे ही अधिकारियों ने गत दिनों कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के हवाई जहाज को लैंडिंग की अनुमति देने में आनाकानी की। आर्य ने कहा कि जब वो खुद परमिशन लेने गए तो अधिकारी जेब में हाथ डालकर बात करते रहे, इस दौरान उनका आचरण और बॉडी लैंग्वेज बेहद शर्मनाक रहा। आर्य ने कहा कि राष्ट्रपति की मौजूदगी के बीच ही राजधानी में डकैती की घटना हुई, लेकिन एक पुलिस कर्मी तक निलंबित नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि भाजपा की यूपी सरकार ने लापरवाह अधिकारियों को सदन में तलब कर सजा देने की मिसाल कायम की है, इसलिए उत्तराखंड में भी ऐसी कार्रवाई की जाए।

पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार महिलाओं कल्याण का दावा करती है, लेकिन एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि महिला अपराध बढ़ रहे हैं। पर्वतीय राज्यों में उत्तराखंड महिला अपराधों के मामले में शीर्ष पर है। उन्होंने अंकिता भंडारी हत्याकांड का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार दोषियों को बचाने के लिए सीबीआई जांच नहीं करवा रही है। उप नेता विपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा कि पुलिस के संरक्षण में अवैध खनन हो रहा है, पुलिस कानून व्यवस्था को ठीक करने के बजाय माफिया का पक्ष ले रही है।

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