



विश्व हिंदू परिषद ने बंगाल में हिंदू समुदाय पर हो रही लक्षित हिंसा के विरोध में देहरादून में किया आक्रोश प्रदर्शन, राष्ट्रपति शासन की मांग उठाई!
पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के विरोध की आड़ में भड़की हिंसा और हिंदुओं पर हो रहे हमलों के खिलाफ आज विश्व हिंदू परिषद (VHP) की देहरादून जिला इकाई द्वारा ज़ोरदार आक्रोश प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन स्थल जिलाधिकारी कार्यालय पर बड़ी संख्या में विहिप, बजरंग दल, मातृशक्ति, दुर्गावाहिनी और संत समाज के सैकड़ों कार्यकर्ता एकत्र हुए और केंद्र सरकार से पश्चिम बंगाल में तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की।
विहिप कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि बंगाल सरकार की निष्क्रियता और मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति के कारण राज्य में हिंदुओं की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। उन्होंने कहा कि वक्फ कानून की आड़ में हिंदुओं पर सुनियोजित हमले किए जा रहे हैं और राज्य सरकार इन घटनाओं को रोकने में नाकाम रही है।
प्रदर्शन के दौरान विश्व हिंदू परिषद के प्रांत अध्यक्ष रवि देव आनंद ने कहा, “मुर्शिदाबाद से शुरू हुई हिंसा अब समूचे बंगाल में फैल चुकी है। प्रशासन दंगाइयों के आगे न केवल मौन है, बल्कि कई जगहों पर उनकी मदद करता दिख रहा है। अगर समय रहते केंद्र सरकार ने हस्तक्षेप नहीं किया, तो हालात और भी भयावह हो सकते हैं।”
प्रदर्शन में प्रांत मठ मंदिर प्रमुख सुभाष जोशी, बजरंग दल के प्रांत साप्ताहिक मिलन प्रमुख विकास वर्मा, विभाग मंत्री आलोक सिन्हा, तथा जिला उत्तर-दक्षिण के अध्यक्ष डॉ. माधव मैथानी, अनिल मैसोन, जिला मंत्री श्याम शर्मा, विशाल चौधरी समेत कई प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे।
प्रदर्शन के उपरांत राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें निम्नलिखित प्रमुख मांगे रखी गईं:
1. पश्चिम बंगाल में तत्काल प्रभाव से राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए।
2. हिंसा की जांच NIA से करवाई जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
3. बंगाल की कानून व्यवस्था केंद्रीय सुरक्षा बलों को सौंपी जाए।
4. बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को चिन्हित कर निष्कासित किया जाए।
5. बंगाल-बांग्लादेश सीमा पर तारबंदी का कार्य तुरंत शुरू किया जाए।
इस आक्रोश प्रदर्शन ने केंद्र सरकार का ध्यान बंगाल की बिगड़ती स्थिति की ओर आकर्षित किया है और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस पर कड़ा निर्णय लिया जाएगा।