दिग्गज नेत्री शांति रावत ने सेंकडो समर्थकों के साथ थामा भाजपा का दामन,

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कांग्रेस प्रदेश महासचिव शांति रावत ने अपनी पार्टी को छोड़ दिया और भाजपा में शामिल हो गए। यह एक महत्वपूर्ण स्थानीय स्तर का घटनाक्रम है, जो प्रदेश राजनीति में बदलाव का संकेत देता है। उन्होंने अपने निर्णय की वजह के रूप में कांग्रेस में हो रही आपसी गुटबाजी को उजागर किया।

शांति रावत के भाजपा में शामिल होने के बाद, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई। इससे उत्तराखंड राज्य की राजनीति में नए संभावनाओं का संकेत मिलता है।

शांति रावत ने अपने बयान में कहा कि उन्हें लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड से पांच लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य है। उनकी भाजपा में शामिल होने के बाद की यह बयान राजनीतिक दलालों के बीच हलचल मचा देगा।

शांति रावत का दिया यह बयान भाजपा के उत्तराखंड में विस्तार के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। उनकी शामिली से भाजपा को उत्तराखंड में अपनी बाज़ी मजबूत करने में मदद मिल सकती है।

शांति रावत का यह निर्णय कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है, और यह भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण जीत हो सकता है। उनके भागीदारी से भाजपा के चुनावी योजनाओं को बदलने में मदद मिल सकती है, जिससे पार्टी की चुनौतियों का सामना करने की क्षमता मिल सकती है।

शांति रावत के निर्णय से साफ होता है कि उत्तराखंड में राजनीतिक दलों के बीच गहरी चुनौतियां हैं, और इससे पार्टियों के बीच सहयोग और गठबंधन की आवश्यकता है। शांति रावत की भाजपा में शामिली से उत्तराखंड की राजनीति में नई दिशा मिल सकती है, जिससे वहां की जनता को भी नई उम्मीदें मिल सकती हैं।

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