उत्तराखंड में महंगे सफर के लिए तैयार रहें यात्री,

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उत्तराखंड में सफर करने के लिए यात्रियों को अब अधिक रुपये चुकाने होंगे। कॉमर्शियल वाहनों के टैक्स में 10 फीसदी तक इजाफे के साथ यात्री किराये में बढ़ोतरी होगी। इसका सीधा असर किराया और मालभाड़े पर दिखेगा।

सूत्रों के अनुसार, सरकार के फैसले के बाद से परिवहन कारोबारी भी टैक्स वृद्धि के आधार पर किराये की नई दर तय करने लगे हैं।
प्राइवेट बस, टैक्सी, मैक्सी, ऑटो-विक्रम वाले किराया बढ़ा सकते हैं। वर्तमान में किराया बढ़ोतरी का फैसला राज्य परिवहन प्राधिकरण के स्तर से होता है।

लेकिन, इसमें दो से चार साल तक वक्त लगता है। परिवहन कारोबारी किराया वृद्धि को टैक्स वृद्धि के फॉर्मूले के साथ जोड़ने की मांग उठा रहे हैं। पिछले साल एसटीए ने इस पर सहमति देकर सालाना किराया बढ़ोतरी की व्यवस्था पर काम शुरू किया था।

उप-आयुक्त राजीव मेहरा की अध्यक्षता में समिति भी बनाई गई थी। लेकिन, यह समिति अब तक किराया बढ़ोतरी का फॉर्मूला तय नहीं कर पाई है। माना जा रहा कि वर्ष 2025-26 से टैक्स में पांच प्रतिशत नियमित बढ़ोतरी की व्यवस्था के साथ किराया बढ़ोतरी को इसी क्रम में लागू किया जा सकता है।

ऑटो-विक्रम का टैक्स बढ़ाया, सिटी बसों को छूट बरकरार: देहरादून। सरकार ने सिटी बसों को मोटरयान टैक्स में मिलने वाली शत-प्रतिशत छूट बरकरार रखी है। जबकि, ऑटो और विक्रम के टैक्स में बढ़ोतरी की गई।उत्तराखंड में नगर निगम या नगर पालिका की सीमा के भीतर या उप नगरीय क्षेत्रों में चलने वाली सिटी बस (मंजिली गाड़ी) को टैक्स में शत-प्रतिशत छूट मिलती है।

इस बार भी इस छूट को बरकरार रखा गया। इससे मंजिली गाड़ी यानी सिटी बस और मैजिक स्वामियों को लाभ मिलेगा। क्योंकि, मैजिक को भी हाल ही में मंजिली गाड़ी की श्रेणी में रखा गया। लेकिन, ऑटो और विक्रम का टैक्स बढ़ाया गया है। ऑटो का तिमाही टैक्स अब तक प्रति सीट 230 रुपये था, जिसे बढ़ाकर 255 रुपये कर दिया गया है।

विक्रम का तिमाही टैक्स प्रति सीट 280 रुपये से बढ़ाकर 310 रुपये किया गया। अकेले, देहरादून में करीब 2300 ऑटो-रिक्शा और 500 से ज्यादा विक्रम चल रहे हैं। विकासनगर, डोईवाला, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की के साथ कुमाऊं के शहरी क्षेत्रों में भी ऑटो-विक्रम चलते हैं, जिनको अब ज्यादा टैक्स चुकाना होगा।

उत्तराखंड में निजी कॉमर्शियल यात्री वाहनों के टैक्स में नौ से 10 फीसदी तक बढ़ोतरी की गई है। 12 सीट से अधिक क्षमता वाली गाड़ी को मासिक तौर पर 125 की जगह 135 रुपये, तिमाही 350 की बजाय 385 रुपये और सालाना 1300 की बजाय 1430 रुपये देने होंगे।

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