इस कानून के तहत सम्पत्ति को हुए नुकसान की भरपाई घटना के दिन वाले बाजार मूल्य के आधार पर उपद्रवियों से की जाएगी। विरोध-प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक और निजी सम्पत्ति को निशाने पर लेने की प्रवृत्ति पर लगाम कसने के लिए गृह विभाग ने उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली कानून तैयार कर लिया है।
इसे सोमवार को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक के एजेंडे में रखा गया है। इस कानून के तहत उपद्रवियों से तय समय के भीतर नुकसान की शत-प्रतिशत भरपाई की जाएगी। इसके अनुसार वसूली बाजार दर पर होगी, कुछ मामलों में यदि ट्रिब्यूनल को उचित लगता है।
तो हर्जाने की वसूली कुल लागत से दोगुनी तक हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, सरकार इस कानून को अध्यादेश के जरिए भी लागू कर सकती है।
प्रस्तावित कानून के तहत नुकसान की भरपाई के लिए रिटायर जिजा जज की अध्यक्षता में स्वतंत्र ट्रिब्यूनल बनाया जाएगा, जिसे सिविल कोर्ट की शक्तियां प्रदान की जाएंगी। सार्वजनिक सम्पत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए विभागाध्यक्ष घटना के तीन महीने के भीतर ट्रिब्यूनल के सामने अपील करेंगे।
प्रस्तावित कानून के तहत लोग निजी सम्पत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी दावा पेश कर सकते हैं। आवेदनकर्ता को कुल कितना मुआवजा दिया जाना है, यह स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ता की रिपोर्ट पर निर्भर करेगा।