25 जून तक प्रदेश में मानसून के दस्तक देने की उम्मीद है।

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25 जून के आसपास प्रदेश में मानसून के दस्तक देने की उम्मीद है। साथ ही इस बार मानसून सीजन में वर्षा भी सामान्य से अधिक होने का अनुमान है। ऐसे में शहर के फिर पानी से सराबोर होने की आशंका है। हालांकि, स्मार्ट सिटी से लेकर अन्य विभागों की ओर से नाले निर्माण कर ड्रेनेज व्यवस्था सुदृढ़ करने का दावा किया जा रहा है। वहीं, दून के नदी-नालों की धरातलीय स्थिति देखकर जलभराव से निजात मिलने की उम्मीद कम है।

देहरादून नगर निगम क्षेत्र में 40 से अधिक बड़े नदी-नाले हैं, जो वर्षाकाल में उफान पर रहते हैं। पर्याप्त जल निकासी न होने के कारण आसपास की बस्तियों व कालोनियों में वर्षा का घुस जाता है। इसके अलावा पुस्ते ढहने, मकानों की दीवारें गिरने और घरों-दुकानों में जलभराव के मामले बड़ी संख्या में आते हैं। कई बार वर्षाकाल में आपदा जैसे हालात भी बन जाते हैं। यही नहीं, दून के मुख्य बाजारों व मार्गों पर भी वर्षा के दौरान जलभराव की स्थिति रहती है। सड़कों पर पैदल तो दूर वाहनों से आवाजाही भी मुश्किल हो जाती है।

नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि नगर निगम की ओर से शहर के सभी प्रमुख नदी-नालों की सफाई का कार्य किया जा रहा है। प्रयास रहेगा कि मानसून से पहले सफाई का कार्य पूर्ण कर दिया जाए। इसके अलावा शहर के नालों व छोटी नालियों की भी सफाई की जा रही है। इसी माह नगर निगम में आपदा कंट्रोल रूम भी स्थापित कर दिया जाएगा। ऐसे नदी-नालों को चिह्नित कर प्राथमिकता से सफाई कराई जा रही है, जहां जलभराव की समस्या अधिक रहती है।

नगर निगम की ओर से पिछले वर्ष शहर में जलभराव के लिहाज से संवेदनशील 180 स्थान चिह्नित किए गए थे। इन स्थानों पर जलभराव होने पर 10 क्विक एक्शन टीमों के गठन का दावा किया जा रहा है। प्रत्येक टीम के पास एक पंप और अन्य उपकरण उपलब्ध रहेंगे। सभी 100 वार्डों में आपात स्थिति से निपटने के लिए 10-10 कर्मचारियों की टीमें अलग से बनाई जाएंगीं

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