



उत्तराखंड के चमोली जिले में माणा के पास हुए भीषण हिमस्खलन में फंसे 17 और श्रमिकों को शनिवार सुबह सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। अब तक कुल 50 श्रमिकों को बचाया जा चुका है, जबकि 5 की तलाश के लिए युद्धस्तर पर अभियान जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद इस पूरे बचाव अभियान की निगरानी कर रहे हैं और हालात का हवाई सर्वेक्षण कर चुके हैं।
सेना और रेस्क्यू टीमों की तत्परता से 50 श्रमिक सुरक्षित!
मुख्यमंत्री धामी ने यूएसडीएमए के राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि आर्मी, आईटीबीपी और स्थानीय प्रशासन ने बेहतरीन समन्वय के साथ अब तक 50 लोगों को बचाया है, जबकि 5 श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए स्निफर डॉग्स और आधुनिक उपकरणों की मदद ली जा रही है।
केंद्र सरकार की कड़ी नजर, PM मोदी भी ले रहे अपडेट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ले रहे हैं। पीएम मोदी ने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है, जबकि गृह और रक्षा मंत्रालय भी राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।
भारी बर्फबारी बनी चुनौती, अलर्ट पर प्रशासन
घटनास्थल पर 6 से 7 फीट तक बर्फ जमा है, जिससे रेस्क्यू में दिक्कतें आ रही हैं। 3 कंटेनर बर्फ में दबे होने के कारण श्रमिकों की स्थिति का सही अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है। सीएम धामी ने औली, हर्षिल और अन्य ऊंचाई वाले इलाकों में मौजूद पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है।
हेलीकॉप्टर और मेडिकल टीमें मुस्तैद
रेस्क्यू मिशन में वायुसेना के MI-17 हेलीकॉप्टर, चीता हेलीकॉप्टर, उत्तराखंड सरकार के 2 हेलीकॉप्टर और एम्स ऋषिकेश की एयर एंबुलेंस को लगाया गया है। अब तक 29 घायलों को हेलीकॉप्टर के जरिए ज्योतिर्मठ लाया गया है, जहां आर्मी अस्पताल में उनका इलाज जारी है।
संचार बहाली और बिजली सप्लाई पर फोकस
सीएम धामी ने बर्फबारी से प्रभावित गांवों में संचार और बिजली बहाल करने के निर्देश दिए हैं। सैटेलाइट फोन और आपातकालीन सेवाएं सक्रिय कर दी गई हैं ताकि राहत कार्यों में तेजी लाई जा सके।
➡️ प्रशासन की अपील: अगले तीन दिन पर्यटक इन इलाकों में न जाएं!


