



देहरादून में आज कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर एक बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने UCC के भाग तीन की धारा 378 से 389 का हवाला देते हुए कहा कि इसमें बिना शादी के सहवास (Live-in Relationship) और पॉलीगैमी (एक से अधिक विवाह) को कानूनी छूट देने की बात कही गई है, जो भारतीय संस्कृति के खिलाफ है।
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “हमारी परंपरा और सामाजिक मूल्यों में बिना शादी के सहवास की अनुमति नहीं है, तो भाजपा सरकार इसे क्यों लागू करना चाहती है?”
इसके अलावा, उन्होंने UCC के तहत स्थायी निवास को लेकर भी सवाल उठाए। उनका कहना था कि अगर कोई व्यक्ति केवल एक साल उत्तराखंड में रहता है, तो क्या उसे राज्य का स्थायी निवासी मान लेना उचित होगा?
करन माहरा ने ऐलान किया कि 20 तारीख को कांग्रेस बड़े स्तर पर विधानसभा कूच करेगी और UCC के खिलाफ विरोध दर्ज कराएगी। साथ ही, पार्टी अब जनता से इस मुद्दे पर सीधा संवाद करना चाहती है। इसके लिए कांग्रेस ने एक फॉर्म जारी किया है, जिसके जरिए लोग UCC पर अपनी सहमति या असहमति जता सकते हैं।
माहरा ने भाजपा पर दोहरे चरित्र का आरोप लगाते हुए कहा, “एक तरफ भाजपा प्रदेश के मूल निवास को लेकर बात कर रही है, वहीं दूसरी तरफ बाहरी व्यक्तियों को यहां के लोगों के साथ लिव-इन रिलेशनशिप की छूट देने की तैयारी कर रही है।”
कांग्रेस का कहना है कि वह इस फॉर्म को ब्लॉक से लेकर जिला स्तर तक आम जनता तक पहुंचाएगी, ताकि हर व्यक्ति अपनी राय स्पष्ट रूप से रख सके। कांग्रेस ने जनता से सवाल किया, “क्या उत्तराखंड का कोई परिवार अपने बच्चों के लिए बिना शादी के सहवास को स्वीकार करेगा?”
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और UCC पर सरकार का अगला कदम क्या होगा।