



उत्तराखंड में सख्त भू-कानून को लेकर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2025 के विधानसभा में पारित होने पर सवाल उठाए हैं।
चकराता विधायक और पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि सरकार एक ही राज्य में दो भू-कानून लागू करना चाहती है, जिसका कांग्रेस कड़ा विरोध करती है। उनका आरोप है कि नए कानून से राज्य का भू-कानून और अधिक कमजोर हुआ है।
बाइट:
प्रीतम सिंह, विधायक चकराता, कांग्रेस
“सरकार एक ही राज्य में दो अलग-अलग भू-कानून लागू करना चाहती है, जिससे प्रदेश की भूमि सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। कांग्रेस इसका विरोध करती है।”
वीओ-2:
वहीं, कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि कांग्रेस का काम केवल विरोध करना रह गया है और सरकार ने जो संशोधन किए हैं, वो प्रदेश के विकास के लिए जरूरी थे।
बाइट:
महेंद्र भट्ट, प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी
“कांग्रेस हमेशा विकास विरोधी रही है। सरकार ने भू-कानून में जो बदलाव किए हैं, वो प्रदेश के विकास के लिए जरूरी थे।”