“मुख्यमंत्री ने वन एवं ऊर्जा विभाग की योजनाओं की समीक्षा की – राजस्व वृद्धि, वन संरक्षण और ऊर्जा उत्पादन पर दिए अहम निर्देश”

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देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में वन एवं ऊर्जा विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वनों के संरक्षण के साथ ही वन संपदाओं से राजस्व वृद्धि के लिए और प्रभावी प्रयास किए जाएं। साथ ही, वन विभाग के गेस्ट हाउस के आधुनिकीकरण और इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान देने को कहा।

मुख्यमंत्री ने ग्रीष्मकाल में वनाग्नि रोकथाम के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने पर जोर दिया, ताकि जंगलों को आग से बचाया जा सके। उन्होंने मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए अन्य राज्यों की सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं का अध्ययन कर राज्य में प्रभावी रणनीति लागू करने के निर्देश दिए।

इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नए प्रयास:
बैठक में बताया गया कि राज्य में इको टूरिज्म के तहत इको कैंपिंग, पुराने फॉरेस्ट रेस्ट हाउस के पुनरुद्धार और स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। साथ ही, इको टूरिज्म के लिए समर्पित वेबसाइट भी विकसित की जाएगी। अब तक इको-टूरिज्म से स्थानीय युवाओं को 5 करोड़ रुपये, जिप्सी संचालन से 17 करोड़ रुपये और स्वयं सहायता समूहों को 30 लाख रुपये की आय हो चुकी है।

ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने पर विशेष जोर:
ऊर्जा विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने के लिए तेजी से काम करने की जरूरत है। विशेष रूप से लघु जल विद्युत परियोजनाओं को प्राथमिकता देने की बात कही। उन्होंने शहरी क्षेत्रों में पॉवर लाइन अंडरग्राउंड करने का कार्य वर्षाकाल से पहले पूरा करने और सरकारी भवनों में सोलर रूफ टॉप लगाने की दिशा में तेजी से काम करने के निर्देश दिए।

जल विद्युत नीति से ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा:
बैठक में बताया गया कि 2023 की संशोधित जल विद्युत नीति के तहत 160.80 मेगावाट के 8 प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली है, जो 2030 तक 1790 करोड़ रुपये की लागत से पूरे होंगे। इसके अलावा, 121 मेगावाट के 6 नए प्रोजेक्ट्स को भी मंजूरी मिली है।

मुख्यमंत्री ने नवीकरणीय ऊर्जा संवर्द्धन योजना, विद्युत वितरण सुधार योजना और स्मार्ट मीटर योजना में तेजी लाने पर जोर दिया। बैठक में यह भी बताया गया कि 5660 करोड़ रुपये की लागत से इच्छारी, लखवार-व्यासी और व्यासी-कटापत्थर प्रोजेक्ट 2028 से 2031 के बीच पूरे किए जाएंगे।

बैठक में वन मंत्री सुबोध उनियाल, अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, यूपीसीएल और पिटकुल के प्रबंध निदेशकों समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

“राज्य में वन और ऊर्जा क्षेत्र के विकास के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। आने वाले समय में यह योजनाएं रोजगार और आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाएंगी।” – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

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