भारत-नेपाल कृषि सहयोग को नई दिशा: देहरादून में उच्चस्तरीय अंतरराष्ट्रीय बैठक, मुख्यमंत्री कमल बहादुर शाह और मंत्री गणेश जोशी ने जताया साझा विकास का संकल्प

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भारत और नेपाल के बीच ऐतिहासिक रिश्तों को कृषि सहयोग के नए आयाम देने के उद्देश्य से देहरादून में एक उच्चस्तरीय अंतरराष्ट्रीय कृषि बैठक आयोजित की गई। उत्तराखण्ड के कृषि मंत्री गणेश जोशी और नेपाल के सुदूरपश्चिम प्रांत के मुख्यमंत्री कमल बहादुर शाह की उपस्थिति में आयोजित इस बैठक को दोनों देशों के लिए मील का पत्थर बताया गया।

बैठक में कृषि, उद्यानिकी, जैविक खेती और सगंध पौधों के क्षेत्र में संयुक्त कार्य योजनाओं और निवेश के अवसरों पर विस्तृत चर्चा की गई। गणेश जोशी ने भारत-नेपाल संबंधों को “रोटी-बेटी का रिश्ता” बताते हुए धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक समानताओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के तराई क्षेत्र खाद्यान्न उत्पादन और पर्वतीय क्षेत्र औद्यानिकी के लिए उपयुक्त हैं, जहाँ दोनों पक्ष मिलकर कार्य कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री कमल बहादुर शाह ने भारत-नेपाल की मित्रता को जन-जन के दिलों से जुड़ा बताते हुए कहा कि उत्तराखण्ड की जैविक और प्राकृतिक खेती के प्रयास बेहद प्रेरणादायक हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए भारत के सहयोग को सराहा और उत्तराखण्ड के कृषि मंत्री को नेपाल आमंत्रित किया।

इस अवसर पर उत्तराखण्ड की ओर से वरिष्ठ अधिकारियों, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया, जबकि नेपाल से कृषि मंत्री वीर बहादुर थापा, मुख्य सचिव डॉ कमल प्रसाद पोखरेल समेत वरिष्ठ प्रतिनिधिमंडल मौजूद रहा।

बैठक में उत्तराखण्ड की कृषि और उद्यानिकी योजनाओं पर प्रस्तुतीकरण और लघु फिल्म के माध्यम से जानकारी दी गई। गोर्खाली समाज सहित स्थानीय संगठनों ने भी नेपाली मुख्यमंत्री का स्वागत किया। यह ऐतिहासिक बैठक भारत-नेपाल के मध्य दीर्घकालिक कृषि साझेदारी की मजबूत नींव रखेगी।

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