लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें और बड़ सकती हैं!

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

आबकारी घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें व्यक्तिगत के साथ ही पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के तौर पर बढ़ने वाली हैं।

धन-शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) -2002 की धारा-70 के तहत राजनीतिक पार्टियों को कंपनी तरह मानने के जांच एजेंसी के तर्क को दिल्ली हाई कोर्ट ने स्वीकार किया है।

न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने कहा कि इस स्तर पर पीएमएलए की धारा-50 के तहत आप राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एनडी गुप्ता द्वारा दिए गए बयान व ईडी द्वारा जारी समन पर केजरीवाल के 18 जनवरी 2024 के जवाब से प्रथम दृष्टया यह स्पष्ट है कि केजरीवाल आम आदमी पार्टी के प्रभारी व इसके काम के लिए जिम्मेदार हैं।

अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया पीएमएलए की धारा- 70(1) के तहत केजरीवाल पार्टी के मामलों के लिए उत्तरदायी होंगे। अदालत ने स्पष्ट किया कि उचित समय पर केजरीवाल के पास यह साबित करने का अधिकार होगा कि पीएमएलए के प्रविधानों के तहत उनकी पार्टी द्वारा किए गए उल्लंघन की कोई जानकारी नहीं थी या उन्होंने इसे रोकने की कोशिश की थी।

Leave a Comment