



उत्तराखंड के लिए जीएंगे और मरेंगे: कैबिनेट मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल
राज्य आंदोलन में योगदान का जिक्र, क्षेत्रवाद की राजनीति न करने की अपील
देहरादून, 21 फरवरी। उत्तराखंड पंचम विधानसभा के बजट सत्र के चौथे दिन पहाड़ी-मैदानी मुद्दे पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट ने कैबिनेट मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल पर पहाड़ियों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया, जिससे सदन में तीखी बहस छिड़ गई।
जवाब में कैबिनेट मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, “हमारे दिलों में झांककर देखिए, हमारे दिलों में उत्तराखंड बसता है, हम जियेंगे तो उत्तराखंड के लिए और हम मरेंगे तो उत्तराखंड के लिए।” उन्होंने क्षेत्रवाद की राजनीति न करने की अपील करते हुए कहा कि उत्तराखंड सभी का है और हम सभी उत्तराखंडवासी हैं।
मंत्री ने कहा, “मेरे बयान को कुछ लोग तोड़ मरोड़कर पेश कर रहे हैं।” उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके बयानों का गलत मतलब निकाला जा रहा है, जिससे वे आहत हैं।
राज्य आंदोलन में अहम भूमिका का जिक्र
डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में अपने उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दिनों को याद करते हुए कहा कि आंदोलन के दौरान उनकी उग्र भूमिका रही थी। उन्होंने बताया कि 2 अक्टूबर 1994 को जब उत्तराखंड के गांधी स्वर्गीय इंद्रमणि बड़ोनी ने ‘दिल्ली चलो’ का आह्वान किया, तब वे दिल्ली में थे। मुजफ्फरनगर में आंदोलनकारियों पर हमले की खबर सुनते ही वे ट्रक में बैठकर मुजफ्फरनगर रवाना हुए थे।
मसूरी गोलीकांड के दौरान भी उन्होंने बिना जान की परवाह किए, डोईवाला से बाइक पर सवार होकर सबसे पहले मसूरी पहुंचकर आंदोलनकारियों का समर्थन किया था।
‘उत्तराखंडी होने का प्रमाण देना पड़ रहा है’
भावुक होते हुए डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा, “राज्य आंदोलनकारी होने के बावजूद मुझे उत्तराखंडी होने का प्रमाण देना पड़ रहा है, जिससे मैं दुखी हूं।” उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य के लिए उनका संघर्ष और समर्पण किसी से छिपा नहीं है, फिर भी उन पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
क्षेत्रवाद की राजनीति न करने की अपील
डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में क्षेत्रवाद की राजनीति न करने की अपील करते हुए कहा, “उत्तराखंड सबका है और सभी को मिलकर इसके विकास के लिए काम करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोगों में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए और सभी को एकजुट होकर राज्य की प्रगति के लिए कार्य करना चाहिए।
इस दौरान सदन में माहौल काफी गर्म रहा, लेकिन मंत्री के भावुक भाषण के बाद विपक्ष भी कुछ समय के लिए शांत नजर आया।