अस्पताल ले जाते वक्त गांव की महिला का 108 आपात सेवा में ही प्रसव. डोली को कंधा देकर आठ किमी का सफर

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लोहा घाट(चंपावत) विकासखंड बाराकोट के सील गांव के लोगों को आजादी के बाद से सड़क जैसी बुनियादी सुविधा नसीब नहीं हो पाई है। सीएम की घोषणा के बावजूद भी गांव के लिए सड़क नहीं बन पाई।

सड़क सुविधा न होने से डोली के सहारे अस्पताल ले जाते वक्त गांव की महिला का 108 आपात सेवा में ही प्रसव हो गया। बारी-बारी से करीब 10 लोगों ने डोली को कंधा देकर आठ किमी का सफर दो घंटें में पूरा किया।
शनिवार को गोविंद सिंह की पत्नी कमला देवी को प्रसव पीड़ा हुई। आशा कार्यकर्ता निर्मला देवी के साथ परिजन डोली के सहारे गर्भवती कमला को आठ किमी डोली के सहारे पातल तक लाए। यहां से 108 आपातकालीन सेवा के जरिये गर्भवती को लोहाघाट उपजिला अस्पताल लाया जा रहा था। प्रसव पीड़ा बढ़ने पर शंखपाल ने वाहन में ही कमला का प्रसव कराया।
इसके बाद जच्चा-बच्चा को उपजिला अस्पताल लोहाघाट भर्ती करया गया।

ग्राम प्रधान मीना देवी ने बताया कि आजादी के बाद से लोग गांव तक सड़क की मांग कर रहे हैं। तीन साल पहले भी सीएम ने सुतेड़ा से सील तक सड़क बनाने की घोषणा की थी जो आज तक धरातल पर नहीं उतर पाई है। चुनाव के वक्त भी लोगों ने सड़क की मांग पर चुनाव बहिष्कार का एलान किया था लेकिन डीएम के आश्वासन के बाद उन्होंने बहिष्कार का निर्णय वापस ले लिया था। उन्होंने बताया कि सड़क सुविधा न होने के कारण छात्र-छात्राओं को भी कई किमी पैदल दूर जाकर पढ़ाई करने जाना पड़ता है। लोगों ने जल्द शासन-प्रशासन से सड़क सुविधा की मांग उठाई है।

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