



आज उत्तराखंड क्रांति दल की केंद्रीय महामंत्री अधिवक्ता किरण रावत कश्यप के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश में मासूम बच्चियों पर हो रहे जघन्य अपराधों के विरोध में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को जिलाधिकारी देहरादून के माध्यम से ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में नैनीताल जिले की एक मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना और टिहरी में एक बालिका के मृत पाए जाने की घटना का कड़ा विरोध दर्ज किया गया। किरण रावत ने कहा कि इन घटनाओं से देवभूमि की आत्मा तक को आघात पहुंचा है और यह सामाजिक चेतना को झकझोरने वाली स्थितियां हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी व्यापक और सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।
उत्तराखंड क्रांति दल ने मांग की कि पीड़ित बच्चियों के परिवारों को 50-50 लाख रुपए की राहत राशि सरकार द्वारा दी जाए और साथ ही बची हुई बालिका को प्रदेश के सर्वोत्तम विद्यालय में दाखिला दिलाकर उसकी शिक्षा की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। दल का मानना है कि इससे पीड़ित परिवारों में आर्थिक और सामाजिक हिम्मत बनी रहेगी और समाज में भी सकारात्मक संदेश जाएगा।
ज्ञापन में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) के अंतर्गत लिव-इन रिलेशनशिप के प्रावधानों पर भी चिंता जताई गई। किरण रावत ने कहा कि इससे समाज में नैतिक पतन और गंभीर अपराधों की प्रवृत्ति को बल मिल सकता है, अतः सरकार को इस पर पुनर्विचार कर तत्काल कदम उठाने चाहिए।
केंद्रीय उपाध्यक्ष प्रमिला रावत ने टिहरी गढ़वाल की घटना पर चिंता जताते हुए कहा कि बच्ची का अचानक गायब हो जाना और फिर झाड़ियों से उसका शव मिलना यह संकेत करता है कि देवभूमि में अब बालिकाएं सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने सरकार से तत्काल कठोर जांच एवं अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और चेतावनी दी कि यदि न्याय में विलंब हुआ, तो उत्तराखंड क्रांति दल पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
ज्ञापन सौंपने के दौरान केंद्रीय उपाध्यक्ष जयप्रकाश उपाध्याय, शांति प्रसाद भट्ट, राजेंद्र बिष्ट, मनीष रावत, कौशल कुमार, सुमित डंगवाल, जितेंद्र सिंह, ललित कुमार सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।