



चारधाम यात्रा के प्रमुख पड़ाव केदारनाथ धाम की यात्रा अब पूरी तरह सकुशल और व्यवस्थित ढंग से संचालित हो रही है। यात्रा के दसवें दिन तक श्रद्धालुओं की संख्या 2 लाख को पार कर गई है, जो इस पवित्र धाम के प्रति लोगों की अटूट श्रद्धा और विश्वास को दर्शाता है।
बीते कुछ दिनों से अश्ववंशीय पशुओं (घोड़े-खच्चर) में फैली संक्रामक बीमारी इक्वाइन इन्फ्लूएंजा के चलते पैदल मार्ग पर इनका संचालन अस्थायी रूप से रोक दिया गया था। इससे स्थानीय लोगों की आजीविका पर असर पड़ा था। हालांकि अब घोड़ों-खच्चरों के स्वास्थ्य में सुधार को देखते हुए कुछ को यात्रा मार्ग पर संचालन की अनुमति दे दी गई है।
इससे यात्रा मार्ग पर फिर से घंटियों की टनटनाहट और पारंपरिक गतिविधियों की वापसी देखी जा रही है। इससे न केवल श्रद्धालुओं को सुविधा मिली है बल्कि उन स्थानीय परिवारों के चेहरे पर भी मुस्कान लौटी है, जिनकी आजीविका का मुख्य साधन यही पशु हैं।
गौरीकुंड से केदारनाथ तक पुलिस बल लगातार तैनात है ताकि श्रद्धालुओं की यात्रा सुरक्षित, सुगम और व्यवस्थित बनी रहे। यात्रा में सभी माध्यम – पैदल, डंडी (पालकी), कंडी (पिट्ठू), घोड़ा-खच्चर और हैली सेवा का समुचित संचालन किया जा रहा है।
केदारनाथ धाम यात्रा एक बार फिर अपने पारंपरिक स्वरूप में लौटती दिख रही है, जहां श्रद्धा, सेवा और सुरक्षा – तीनों का संगम साफ नजर आ रहा है।