



देहरादून।देवदूत कहे जाने वाले डॉक्टरों की छवि पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के राजकीय दून अस्पताल से एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसमें एक महिला डॉक्टर अपने सामने बैठकर तकलीफ बयां कर रहे मरीज को नजरअंदाज करती दिख रही हैं—क्योंकि वह फोन पर व्यस्त हैं।
वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि मरीज बार-बार डॉक्टर से अपनी परेशानी साझा करने की कोशिश करता है, लेकिन डॉक्टर का पूरा ध्यान मोबाइल पर है। न मरीज की बात को सुना गया, न ही कोई जवाब मिला।
यह दृश्य न केवल मरीज की उपेक्षा को दर्शाता है, बल्कि सरकारी अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। आमजन का कहना है कि मरीजों को बेहतर इलाज के बजाय उपेक्षा मिल रही है और यह घटनाएं जनता के भरोसे को तोड़ रही हैं।
क्या अब मरीज़ों को इंसान समझा जाना भी भारी पड़ गया है?
क्या मोबाइल स्क्रीन इंसान की पीड़ा से ज्यादा जरूरी हो चुकी है?