SkyLark होटल पानीपत में व्यवस्थाओं की खुली पोल, हरियाणा टूरिज्म की छवि पर बड़ा सवाल

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पानीपत: हरियाणा टूरिज्म के अंतर्गत आने वाले स्काईलार्क होटल, पानीपत में लापरवाही और अव्यवस्थाओं की तस्वीरें सामने आ रही हैं, जो न केवल टूरिज्म विभाग की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाती हैं, बल्कि पर्यटकों के भरोसे को भी तोड़ने का काम कर रही हैं।

लगातार कई बार होटल अधिकारियों से शिकायतों के बावजूद, न तो साफ-सफाई की व्यवस्था सुधरी, न ही बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। स्थिति इतनी खराब है कि पूरा भुगतान करने के बाद भी, मेहमानों को पीने के पानी और ग्लास जैसी मूलभूत सुविधाएं तक मांगने पर नहीं दी जातीं। जब शिकायत की जाती है तो स्टाफ और अधिकारी जवाब देते हैं – “इस पैकेज में कुछ नहीं आता।”

यह रवैया न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि उन लोगों के साथ सीधा अन्याय भी है, जो अपनी मेहनत की कमाई खर्च कर यहां आराम और सम्मान की उम्मीद में आते हैं।

यह सवाल अब हरियाणा के पर्यटन मंत्री और विभागीय अधिकारियों से सीधा बनता है –
क्या आप इस तरह की अव्यवस्था को नजरअंदाज कर जनता की उम्मीदों और मेहनत की कमाई का मजाक उड़ाते रहेंगे? क्या आपकी नजर में पर्यटकों की कोई अहमियत नहीं रही?

अगर जनता को पानी तक नसीब नहीं होगा, बुनियादी व्यवहार तक नहीं मिलेगा, और शिकायतों पर जवाब नहीं बल्कि टाल-मटोल मिलेगा, तो फिर हरियाणा टूरिज्म की ब्रांडिंग और नाम का क्या मतलब?

क्या स्काईलार्क होटल का स्टाफ और अधिकारी किसी ट्रेनिंग से गुज़रे भी हैं? या सिर्फ जनता के पैसे से वेतन लेकर आराम फरमाना ही इनकी ड्यूटी है?

हरियाणा टूरिज्म को यह समझना होगा कि हर एक यात्री की असंतुष्टि एक नकारात्मक प्रचार बनकर उनके पर्यटन व्यवसाय को नुकसान पहुंचा सकती है। यह समय है जब मंत्रीगण और उच्च अधिकारी इस मामले को गंभीरता से लें, दोषियों पर कार्रवाई करें और स्काईलार्क जैसे प्रतिष्ठानों को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाएं।

जनता को जवाब चाहिए। और जवाब अब चुप्पी से नहीं, कार्रवाई से मिलेगा।

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