



उत्तराखंड चारधाम यात्रा वर्ष 2025 के अंतर्गत पंचकेदारों में प्रमुख द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट आज बुधवार को शुभ मुहूर्त में कर्क लग्न पूर्वाह्न 11:30 बजे श्रद्धालुओं के लिए विधिवत रूप से खोल दिए गए।
इस पावन अवसर पर मंदिर को भव्य रूप से फूलों से सजाया गया था। कपाट खुलते ही “ॐ नमः शिवाय” के जयघोष के साथ पूरा मंदिर परिसर शिवमय हो गया।
तीन सौ से अधिक तीर्थयात्री व स्थानीय श्रद्धालु कपाट खुलने के पावन क्षण के साक्षी बने। इससे पहले सुबह 10:30 बजे से द्वार पूजा शुरू हुई और भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह डोली मंदिर प्रांगण में पहुंची। पुजारी शिवलिंग स्वामी ने स्वयंभू शिवलिंग का समाधि रूप में श्रृंगार कर निर्वाण दर्शन और श्रृंगार दर्शन के लिए कपाट खोले।
इस ऐतिहासिक क्षण पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं और आशा जताई कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचेंगे।
बीकेटीसी उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, सदस्य विजय कपरवाण, मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल और मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ सहित समिति के कई पदाधिकारी और स्थानीय श्रद्धालु कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
चल विग्रह डोली यात्रा 18 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ से रवाना हुई थी, जो 19 मई को राकेश्वरी मंदिर, रांसी और 20 मई को गौंडार पहुंची, और आज सुबह मंदिर प्रांगण में पहुंची।
मद्महेश्वर जी के कपाट खुलने के इस शुभ अवसर पर हक-हकूकधारी, वेदपाठी, डोली प्रभारी, और श्रद्धालुओं ने पूरे उल्लास के साथ भाग लिया।