



जहां एक ओर पूरा देश आज भारतीय सेना के जाँबाज़ जवानों को उनके साहस और समर्पण के लिए नमन कर रहा है, वहीं देहरादून के बड़ोवाला क्षेत्र से एक शर्मनाक मामला सामने आया है, जिसने देशवासियों को झकझोर कर रख दिया है।
तीन वीर जवानों के परिवार, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपनों को सीमाओं पर भेजा, अब अपने ही देश में न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं।
आरोप है कि एबीएस प्रॉपर्टीज एसोसिएट के मालिक विजेंद्र सिंह रावत, लखन सिंह और उनके साथियों ने जमीन बेचने के नाम पर इन परिवारों से डेढ़ करोड़ रुपये वसूल लिए, लेकिन रजिस्ट्री एक ऐसी ज़मीन की कराई गई, जो नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अधीन है। मौके पर जमीन होने के बाद कब्जा जा नहीं दिया जा रहा है
ना जमीन का कब्जा मिला, ना पैसा वापस। उल्टा जब कब्जा लेने गए तो गालियां, धमकियां और मारपीट का सामना करना पड़ा।
प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में पीड़ितों ने खुलकर बताया कि:
> “देश के लिए हमारे बेटे सीमा पर जान दे रहे हैं, और यहां उनके घरवालों को ठगा जा रहा है।”
अब सवाल सरकार से है:
क्या देश के जवान सिर्फ़ सीमा पर ही सच्चे सपूत हैं, और उनके परिवार यहां असुरक्षित हैं?
क्या भू-माफियाओं की पहुंच देशभक्ति से भी ऊपर है?
क्या सरकार, प्रशासन और कानून सिर्फ रसूखदारों के लिए है?
देश पूछ रहा है –
> “जो सैनिक देश के लिए जान देता है, उसके परिवार की जमीन बचाने के लिए कौन लड़ेगा?”
अब वक्त है कि सरकार जागे और इन पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाए – वरना ये सिर्फ़ ज़मीन का नहीं, एक सिपाही के सम्मान का अपमान है।
*पीड़ित परिवार*
संतोषी देवी वाइफ का विजयपाल (सैनिक)
सचिन(सैनिक) सन ऑफ दिगपाल दत्त
हीरा बल्लभ कुनियाल (एक्स आर्मी)
व अन्य