



उत्तराखंड में अवैध खनन को लेकर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दलित आईएएस अधिकारी और खनन सचिव ब्रजेश संत के खिलाफ विवादित बयान दिया। सांसद रावत के बयान पर नाराजगी जताते हुए उत्तराखंड आईएएस एसोसिएशन ने औपचारिक रूप से अपना विरोध दर्ज कराते हुए रावत के बयान की निंदा भी की है।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों बयान को जातिवादी के रूप में आलोचना की गई है।
उत्तराखंड में खनन को लेकर यह विवाद तब शुरू हुआ जब विगत दिनों संसद में बोलते हुए हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र ने आरोप लगाया कि उत्तराखंड में अवैध खनन बड़े पैमाने पर हो रहा है। ब्रजेश ने सांसद रावत के दावों का खंडन किया था।
जब संत के खंडन के बारे में पूछा गया, तो सांसद रावत ने दिल्ली में जवाब दिया, ‘क्या कहना है?’ शेर कुत्तों का शिकार नहीं करते। सांसद रावत के बयान के बाद से आईएएस एसोसिएशन सहित कई संगठनों ने कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए जाति-आधारित अपमान करार दिया है।हरिद्वार के जटवाड़ा क्षेत्र में सांसद रावत के बयान के खिलाफ एक विरोध रैली का भी आयोजन किया गया था।
इस बीच, उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने रावत के आरोपों को कमतर आंकने की कोशिश की थी। उनका कहना था कि पार्टी की पारदर्शी नीतियों ने कानूनी खनन कार्यों से राजस्व में काफी वृद्धि की है, जबकि विपक्षी नेता यशपाल आर्य ने अलग रुख अपनाया और सरकार पर बड़े पैमाने पर अवैध खनन गतिविधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया।
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