



राज्य में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से कलस्टर विद्यालयों की स्थापना प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा है कि 30 जून तक सभी चयनित कलस्टर विद्यालयों की डीपीआर तैयार कर शासन को अनिवार्य रूप से सौंपें, अन्यथा संबंधित जनपदों से महानिदेशालय स्तर पर स्पष्टीकरण लिया जाएगा।
डॉ. रावत ने अपने शासकीय आवास पर विभागीय समीक्षा बैठक में कहा कि विभागीय बजट का समय पर उपयोग अनिवार्य है और अब इसकी हर तीन माह में समीक्षा की जाएगी ताकि छात्र-छात्राओं के हित में योजनाएं समयबद्ध तरीके से क्रियान्वित हो सकें। उन्होंने अधिकारियों की सुस्ती पर नाराजगी जताते हुए कहा कि बजट का 100 प्रतिशत उपयोग न हो पाना लापरवाही का प्रमाण है, जो भविष्य में स्वीकार नहीं की जाएगी।
बैठक में प्राथमिक शिक्षा के तहत शिक्षक भर्ती की 5वीं काउंसिलिंग को शीघ्र पूरा करने और दुरस्थ क्षेत्रों में नवनियुक्त शिक्षकों की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। साथ ही बीआरपी-सीआरपी की लंबित भर्ती प्रक्रिया को भी शीघ्र संपन्न करने पर जोर दिया गया।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में भी तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। मंत्री ने वार्षिक स्थानांतरण प्रक्रिया में पारदर्शिता और समयबद्धता बरतने को कहा, विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने को कहा कि विद्यालयों में छात्र संख्या के आधार पर शिक्षकों की तैनाती की जाए।
बैठक में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा अभिषेक रोहिला, अपर सचिव एमएम सेमवाल, एससीईआरटी निदेशक वंदना गर्ब्याल, प्राथमिक शिक्षा निदेशक अजय कुमार नौडियाल, माध्यमिक निदेशक डॉ. मुकुल सती, एनसीईआरटी अपर निदेशक पदमेन्द्र सकलानी, समग्र शिक्षा उप निदेशक अजीत भंडारी सहित कई विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।