



हरिद्वार, उधम सिंह नगर और 112 नगर निकाय क्षेत्र भू कानून से बाहर
देहरादून:
उत्तराखंड की धामी सरकार द्वारा बजट सत्र में पास किए गए नए संशोधित भू कानून पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कड़ा विरोध जताया है।
कांग्रेस का आरोप है कि यह कानून जनता की आंखों में धूल झोंकने और मूल निवासियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने वाला है।
कांग्रेस ने एन.डी. तिवारी सरकार द्वारा बनाए गए पुराने भू कानून को जस का तस लागू करने की मांग की है।
हरिद्वार, उधम सिंह नगर और 112 नगर निकाय क्षेत्र क्यों बाहर?
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने प्रेस वार्ता में कहा कि नए संशोधित भू कानून में धामी सरकार ने हरिद्वार, उधम सिंह नगर और 112 नगर निकाय क्षेत्रों को भू कानून के दायरे से बाहर रखा है।
उन्होंने कहा कि इससे भाजपा सरकार की मूल निवासियों के प्रति संवेदनहीनता और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति लापरवाही साफ झलकती है।
एन.डी. तिवारी सरकार का कानून क्यों बेहतर था?
धस्माना ने कहा कि राज्य गठन के बाद पहली निर्वाचित कांग्रेस सरकार ने एन.डी. तिवारी के नेतृत्व में बेहतरीन भू कानून लागू किया था, जो पर्वतीय स्वरूप, सांस्कृतिक धरोहर और जल-जंगल-जमीन की रक्षा करता था।
लेकिन, 2017 में भाजपा सरकार आने के बाद त्रिवेंद्र, तीरथ और धामी सरकारों ने संशोधनों के जरिए इसे निष्प्रभावी बना दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि 2018 से 2025 के बीच धनबल के जरिए बाहरी लोगों ने राज्य की बहुमूल्य जमीनें खरीद लीं, जिससे जनता में आक्रोश है और सख्त भू कानून की मांग उठ रही है।
धामी सरकार पर आरोप: जनता को गुमराह करने की कोशिश
धस्माना ने आरोप लगाया कि धामी सरकार ने जनता के आक्रोश को शांत करने के लिए सख्त भू कानून का नाटक किया और बजट सत्र में संशोधित भू कानून पास करवाया, जो बेमतलब और अधूरा है।
यह कानून हरिद्वार, उधम सिंह नगर और 112 नगर निकाय क्षेत्रों में लागू नहीं होगा, जो राज्य के दो महत्वपूर्ण जिले हैं।
भू कानून में बदलाव की मांग
कांग्रेस ने मांग की कि अगर धामी सरकार सच में सशक्त भू कानून लागू करना चाहती है, तो उसे:
1. 2017 से 2025 के बीच एन.डी. तिवारी सरकार के भू कानून में किए गए सभी संशोधनों को रद्द करना चाहिए।
2. पुराने कानून का उल्लंघन करके खरीदी गई जमीनों की जांच करवा कर उन्हें राज्य सरकार में निहित करवाना चाहिए।
मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल के बयान पर कांग्रेस का हमला
बजट सत्र में मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल के विवादित बयान और अभद्रता प्रकरण पर भी कांग्रेस ने भाजपा को आड़े हाथों लिया।
धस्माना ने आरोप लगाया कि भाजपा और धामी सरकार जानबूझकर पहाड़ी बनाम मैदानी का विभाजन कर रही है।
उन्होंने कहा कि मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल के गाली प्रकरण पर भाजपा ने अब तक कोई सफाई नहीं दी और ना ही कोई कार्रवाई की है।
विधानसभा अध्यक्ष के रवैये पर भी सवाल
धस्माना ने विधानसभा अध्यक्ष पर भी पक्षपात का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने:
मंत्री को गाली देने से नहीं रोका।
माफी मांगने के लिए नहीं कहा।
कांग्रेस विधायक लखपत बुटोला को बोलने नहीं दिया और डांटा।
भाजपा पर षडयंत्र का आरोप
धस्माना ने आरोप लगाया कि भाजपा ने जानबूझकर राज्य की जनता को पहाड़ी बनाम मैदानी में विभाजित करने का षडयंत्र रचा है।
उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल की चुप्पी यह साबित करती है कि भाजपा विभाजनकारी राजनीति कर रही है।
कांग्रेस की मांग:
1. भाजपा अपने मंत्री को माफी मांगने का निर्देश दे।
2. अगर मंत्री माफी नहीं मांगते, तो मुख्यमंत्री उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें।
मुख्य बातें:
कांग्रेस ने नए संशोधित भू कानून को जनता को गुमराह करने वाला बताया।
हरिद्वार, उधम सिंह नगर और 112 नगर निकाय क्षेत्रों को भू कानून से बाहर रखने पर आपत्ति जताई।
एन.डी. तिवारी सरकार के पुराने भू कानून को जस का तस लागू करने की मांग की।
मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल के विवादित बयान और विधानसभा अध्यक्ष के रवैये पर भाजपा को आड़े हाथों लिया।
भाजपा पर पहाड़ी बनाम मैदानी के विभाजन का षडयंत्र रचने का आरोप लगाया।
मंत्री से माफी या बर्खास्तगी की मांग की।
कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि वह राज्य के हितों और मूल निवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए आंदोलन जारी रखेगी और धामी सरकार के भू कानून का विरोध करती रहेगी।