



चमोली की बेटी ने 2 घंटे 48 मिनट 59 सेकंड में पूरी की दौड़, एशियन गेम्स की राह हुई आसान
चमोली, 23 फरवरी:
दिल्ली के नेहरू स्टेडियम से शुरू हुए अपोलो न्यू दिल्ली मैराथन के 10वें संस्करण में चमोली जनपद के देवाल ब्लॉक के वाण गांव की भागीरथी बिष्ट ने प्रथम स्थान प्राप्त कर दो लाख रुपयों की इनामी राशि जीती। उन्होंने 42 किलोमीटर की दौड़ को 2 घंटे 48 मिनट 59 सेकंड में पूरा कर यह मुकाम हासिल किया।
इस मैराथन में 25,000 प्रतिभागियों के बीच भागीरथी की इस शानदार जीत ने न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश में देवाल क्षेत्र का नाम रोशन किया है। 23 वर्षीय भागीरथी की इस उपलब्धि पर जनपद चमोली और देवाल क्षेत्र में हर्ष और गर्व का माहौल है। इस जीत के साथ ही एशियन गेम्स में क्वालीफाई करने की उनकी राह भी आसान हो गई है।
संघर्ष से सफलता तक का सफर
भागीरथी बिष्ट की कहानी संघर्ष और प्रेरणा से भरी है। वाण गांव जैसे दूरस्थ क्षेत्र से आने वाली भागीरथी ने संघर्ष और संसाधनों की कमी के बावजूद दौड़ की शुरुआत की थी। तीन साल की उम्र में पिता का साया खोने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
अपने पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी होने के बावजूद, उन्होंने घर के सारे कामकाज में सहयोग किया, यहां तक कि खेतों में हल तक चलाया। कठिन परिस्थितियों में पली-बढ़ी भागीरथी का सपना है कि वह ओलंपिक खेलों में मैराथन में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करें।
कोच सुनील शर्मा का मार्गदर्शन
भागीरथी बिष्ट के कोच सुनील शर्मा, जो कि अंतरराष्ट्रीय अल्ट्रा मैराथन धावक हैं, ने बताया कि फ्लाइंग गर्ल के नाम से मशहूर भागीरथी अपनी तेज रफ्तार और कठिन परिश्रम से दुनिया के फलक पर अपनी पहचान बना रही हैं।
वर्तमान में वह उत्तराखंड के पौड़ी जनपद के रासी स्टेडियम में कठिन अभ्यास कर रही हैं। कोच ने यह भी बताया कि इससे पहले भी भागीरथी ने कई मैराथन प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त किया है।
प्रेरणा और गर्व का प्रतीक
भागीरथी बिष्ट की इस शानदार जीत से चमोली जनपद और उत्तराखंड में गर्व और खुशी की लहर है। उनकी मेहनत और लगन आज पूरे देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है।
उनकी कहानी बताती है कि संघर्ष भरी परिस्थितियों में भी सपनों को पूरा किया जा सकता है, बशर्ते हौसला और मेहनत में कोई कमी न हो।
मुख्य बातें:
अपोलो न्यू दिल्ली मैराथन में 42 किलोमीटर की दौड़ 2 घंटे 48 मिनट 59 सेकंड में पूरी कर प्रथम स्थान हासिल।
चमोली जनपद के देवाल ब्लॉक के वाण गांव की भागीरथी बिष्ट ने दो लाख रुपये की इनामी राशि जीती।
कोच सुनील शर्मा के मार्गदर्शन में रासी स्टेडियम में कड़ी मेहनत कर रही हैं भागीरथी।
एशियन गेम्स में क्वालीफाई करने की राह हुई आसान।
संघर्ष और संसाधनों की कमी के बावजूद ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का सपना।
भागीरथी बिष्ट की इस अद्भुत उपलब्धि ने उत्तराखंड को खेलों के क्षेत्र में नई पहचान दी है और देवभूमि का गौरव बढ़ाया है।
उनकी मेहनत, संघर्ष और दृढ़ संकल्प युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।