पुलिस वालों के लिए एडवाइजरी जारी, रील बाजी पड़ेगी भारी |

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

पुलिस वालों के लिए एडवाइजरी जारी, रील बाजी पड़ेगी भारी |

उत्तराखंड के सुरक्षा कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार अपने मौजूदा कार्यकाल में कई सख्त कदम उठाते हुए नजर आ रहे हैं |

उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार द्वारा लिए गए फैसले में पुलिस वालों को ऑन ड्यूटी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इस्तेमाल नहीं करने और न हीं अपने स्टाइल या जलवे शेयर करने का निर्देश है। यह पहल एक सशक्त और गंभीर दृष्टिकोण का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पुलिस कर्मियों को दिनचर्या में संरचित रहने और सोशल मीडिया पर उचित व्यवहार को बढ़ावा देना है।

उन्होंने बताया कि कुछ समय से ऐसे के सामने आ रहे हैं जहां पर पुलिस कर्मी द्वारा सोशल मीडिया पर पॉलिसी एवं उत्तराखंड सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 का उल्लंघन करते हुए सरकारी कार्य के दौरान सोशल मीडिया के प्रयोग एवं वर्दी के साथ अशोभनीय रूप से वीडियो बनाकर उनको सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर अपलोड किया गया है| भविष्य में ऐसी कोई घटना ना हो गृह मंत्रालय, भारत सरकार, बीपीआरएंड एवं इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की गाइडलाइन, उत्तराखंड सरकारी सेवक आचरण नियमावली, पुलिस वर्दी विनियम, ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट तथा अन्य सैंसुगत नियमों के अंतर्गत पुलिस महानिदेशक के अनुमोदन के बाद विस्तृत सोशल मीडिया पॉलिसी जारी की गई है |

 

पुलिस कर्मियों के लिए सोशल मीडिया एडवाइजरी :-

1. कार्य सरकार के दौरान प्रत्येक पुलिस कार्मिक का यह कर्तव्य है कि वह प्रदत्त कार्यों को पूर्ण लगन एवं मनोयोग से निष्पादित करें। सरकारी कार्य के दौरान सोशल मीडिया का व्यक्तिगत प्रयोग निश्चित रूप से पुलिसकर्मी के बहुमूल्य समय को नष्ट करता है। अतः राजकीय एवं विभागीय हित में इसे प्रतिबन्धित किया जाता है।

2. कार्य सरकार के दौरान अपने कार्यालय एवं कार्यस्थल पर वर्दी में वीडियो/रील्स इत्यादि बनाने अथवा किसी भी कार्मिक द्वारा अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर लाइव टेलीकास्ट को प्रतिबन्धित किया जाता है।

3. ड्यूटी के उपरान्त भी बावर्दी किसी भी प्रकार की ऐसी वीडियो अथवा रील्स इत्यादि, जिससे पुलिस की छवि धूमिल होती हो, सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड किये जाने को प्रतिबंधित किया जाता है।

4. थाना/पुलिस लाईन/कार्यालय इत्यादि के निरीक्षण एवं पुलिस ड्रिल/फायरिंग में भाग लेने का लाइव टेलीकास्ट एवं कार्यवाही से सम्बन्धित वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करना गोपनीयता का उल्लंघन है। कार्य सरकार की गोपनीयता बनाये रखने के दृष्टिगत सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इसे प्रतिबन्धित किया जाता है।

5. अपने कार्यस्थल से सम्बन्धित किसी वीडियोे/रील्स इत्यादि के जरिये शिकायतकर्ता के संवाद का लाइव टेलीकास्ट/वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड करना उसकी निजता का उल्लंघन हो सकता है। अतः सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इसे प्रतिबन्धित किया जाता है।

6. पुलिस कार्मिक द्वारा कार्य सरकार के दौरान सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किसी प्रकार की कोचिंग, लेक्चर, लाइव प्रसारण, चैट, वेबिनार इत्यादि में आमंत्रित किये जाने पर उसमें भाग लेने से पूर्व अपने वरिष्ठ अधिकारी को सूचित कर अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

7. सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म से पुलिस कार्मिक किसी भी प्रकार का धनार्जन/आय प्राप्त नहीं करेंगे, जब तक कि इस सम्बन्ध में उनके द्वारा सरकार की पूर्व स्वीकृति प्राप्त न कर ली जाये। (उत्तराखण्ड सरकारी सेवक आचरण नियमावली 2002 में उल्लिखित है कि कोई सरकारी कर्मचारी, सिवाय उस दशा में, जबकि उसने सरकार की पूर्व स्वीकृति प्राप्त कर ली हो, प्रत्यक्षतः या अप्रत्यक्षतः किसी व्यापार या कारोबार में नहीं लगेगा और न ही कोई नौकरी करेगा।)

8. सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म से किसी भी व्यक्तिगत, व्यावसायिक कम्पनी अथवा उत्पाद/सेवा का प्रचार-प्रसार किया जाना प्रतिबंधित किया जाता है।

9. सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पुलिस कार्मिकों द्वारा ऐसी कोई जानकारी साझा नहीं की जाएगी, जो उन्हें अपनी विभागीय नियुक्ति के कारण प्राप्त हुई हो। ऐसी कोई जानकारी तभी साझा की जा सकेगी, जब वह कार्मिक इस कार्य के लिये अधिकृत हो।

10. निजता एवं सुरक्षा के कारणों से सरकारी एवं व्यक्तिगत, सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पुलिस कार्मिकों द्वारा अपनी अथवा किसी अन्य पुलिस कार्मिक की विशेष नियुक्ति या व्यक्तिगत विवरण का उल्लेख नहीं किया जायेगा। अभिसूचना संकलन या किसी गुप्त ऑपरेशन (Under cover operation) में संलग्न पुलिस कार्मिकों द्वारा इस प्राविधान का सख्ती से अनुपालन किया जायेगा।

11. अपराध के अन्वेषण, विवेचनाधीन या न्यायालय में लंबित प्रकरणों से संबंधित कोई गोपनीय जानकारी सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा नहीं की जाएगी एवं उन पर कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी। उपरोक्त विषय वस्तु पर सक्षम अधिकारी द्वारा अधिकृत या सक्षम अधिकारी द्वारा ही आवश्यक जानकारी सार्वजनिक प्रेस नोट द्वारा साझा की जायेगी।

12. किसी भी गोपनीय सरकारी दस्तावेज, हस्ताक्षरित रिपोर्ट अथवा पीड़ित के प्रार्थना-पत्र को सरकारी या व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नहीं डाला जायेगा।

13. किसी भी यौन शोषित पीड़िता या किशोर/किशोरी तथा किशोर आरोपित दोषी (जुवेनाइल ऑफेन्डर्स) की पहचान अथवा नाम व अन्य सम्बन्धित विवरण सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उजागर नहीं किया जाएगा।

14. जिन आरोपियों की शिनाख्त परेड बाकी हो, उनका चेहरा सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।

15. सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर महिलाओं एवं अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति की गरिमा को प्रभावित करने वाले या उनकी गरिमा के विपरीत कोई भी टिप्पणी नहीं की जायेगी।

16. सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पुलिस कार्मिकों द्वारा पुलिस विभाग, किसी वरिष्ठ अधिकारी या अपने सहकर्मी के विरुद्ध कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की जायेगी, जिससे विभागीय गरिमा प्रभावित हो।

17. पुलिसकर्मियों द्वारा विभाग में असंतोष की भावना फैलाने वाली पोस्ट अथवा सामग्री सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा नहीं की जायेगी।

18. पुलिस की टैक्टिस, फील्ड क्राफ्ट, विवेचना या अपराध के अन्वेषण में प्रयुक्त होने वाली तकनीक की जानकारी सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा नहीं की जायेगी।

19. पुलिसकर्मियों द्वारा सरकार या उसकी नीतियों, कार्यक्रमों अथवा राजनीतिक दल, राजनीतिक व्यक्ति, राजनीतिक विचारधारा एवं राजनेता के संबंध में सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कोई टिप्पणी नहीं की जायेगी।

20. पुलिसकर्मियों द्वारा अश्लील/हिंसात्मक भाषा का प्रयोग एवं अश्लील फोटो/वीडियो, सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट अथवा साझा नहीं किया जायेगा।

21. पुलिसकर्मियों द्वारा सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया अकाउंट से की जाने वाली पोस्ट में किसी जाति, धर्म, वर्ग, सम्प्रदाय, व्यवसाय, सेवाएं, संवर्ग, लिंग, क्षेत्र, राज्य इत्यादि के संबंध में भेदभाव पूर्ण, पूर्वाग्रह या दुराग्रह से ग्रसित कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी।

22. राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील प्रकरणों में सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी।

23. माननीय न्यायालयों द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों का उल्लंघन नहीं किया जाएगा। सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ऐसी कोई पोस्ट नहीं की जायेगी और न ही ऐसी कोई विषयवस्तु साझा की जायेगी, जिससे मा० न्यायालयों की अवमानना की स्थिति उत्पन्न हो ।

24. पुलिसकर्मियों द्वारा सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया अकाउंट से ऐसे किसी व्यक्ति के साथ फोटो पोस्ट नहीं की जायेगी, जो आपराधिक/अवांछित/गैर सामाजिक गतिविधियों में लिप्त हो, या रहा हो, या जिसका इस प्रकार का आपराधिक इतिहास हो।

25. सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पुलिस कार्मिकों द्वारा मित्रों का चयन करते समय सतर्कता बरतना अपेक्षित है। पुलिस कार्मिक ऐसे किसी व्यक्ति को मित्र न बनायें अथवा फॉलो न करें, जो असामाजिक/आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हों।

26. पुलिसकर्मियों द्वारा किसी भी प्रकार के मादक पदार्थों के प्रभाव में तथा मादक पदार्थों के साथ फोटो/वीडियो व्यक्तिगत सोशल मीडिया अकाउंट से
पोस्ट/साझा (Share) नहीं की जायेगी।

27. पुलिस के “सराहनीय कार्य“ से सम्बन्धित पोस्ट में अभियुक्तों की फोटो/वीडियो सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ब्लर करके ही पोस्ट/साझा की जायेगी।

28. पुलिस कार्यवाही के दौरान बरामद माल एवं हथियार को बिना सील मोहर किये हुए फोटो/वीडियो सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नहीं डाली जायेगी।

29. पुलिसकर्मियों द्वारा गश्त/वाहन चैकिंग के दौरान मौके पर मोबाइल से फोटो/वीडियो लेते समय Geo Tagging के विकल्प को बंद रखा जायेगा।

30. गश्त/पैट्रोलिंग या राजकीय कार्यों के निष्पादन के समय कार्यक्षेत्र मे मिलने वाले व्यक्तियों की फोटो/वीडियो आवश्यकता पड़ने पर ब्लर करके ही सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर डाली जायेगी।

31. पुलिस की वर्दी, सरकारी अस्त्र-शस्त्र/वाहन इत्यादि का प्रयोग करते हुए पुलिस कार्मिक के परिजन/मित्रों इत्यादि द्वारा कोई वीडियो/फोटो अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया अकाउंट से अपलोड नहीं किया जायेगा।

32. पुलिस कार्मिकों द्वारा व्यक्तिगत कार्यों/व्यक्तिगत आयोजनों से सम्बन्धित फोटो/वीडियो सरकारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट/साझा नहीं किया जायेगा।

33. पुलिस कार्मिकों द्वारा इंडियन कॉपीराइट एक्ट, 1957/द कॉपीराईट एक्ट, 1957 का उल्लंघन किये जाने वाली कोई भी पोस्ट, फोटो/वीडियो सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड/साझा नहीं की जायेगी।

34. पुलिसकर्मियों द्वारा किसी भी प्रकार के सांकेतिक विरोध से सम्बन्धित प्रतीक को सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया अकाउंट के डीपी/प्रोफाइल पिक्चर आदि के रूप में नहीं लगाया जायेगा।
35. पुलिस कार्मिक द्वारा सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया अकाउंट की डीपी/प्रोफाइल पिक्चर पर किसी भी संगठन या राजनीतिक दल आदि से सम्बन्धित प्रतीक नहीं लगाया जायेगा।

36. पुलिस कार्मिक, सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया अकाउंट से ऐसे किसी भी व्हाट्सएप ग्रुप, पेज इत्यादि को ज्वाइन नहीं करेंगे, जो पुलिस विभाग या सरकार के विरोध में हो एवं जाति, साम्प्रायिक, क्षेत्रवाद आदि के नाम पर बनाया गया हो और न ही स्वयं ऐसा कोई ग्रुप बनायेंगे।

37. पुलिस कार्मिक सरकारी सोशल मीडिया अकाउंट को अपने व्यक्तिगत मोबाइल पर लॉग-इन नहीं करेंगे। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर व्यक्तिगत अकाउंट बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि सरकारी मोबाइल नम्बर, इन्टरनेट, वाई-फाई, आई0पी0 एड्रैस, ईमेल आईडी का प्रयोग नहीं किया जायेगा।

38. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्राप्त होने वाली पोस्ट, फोटो/वीडियो को सत्यापन किये बिना अग्रसारित नहीं किया जायेगा ।

39. पुलिस कार्मिक द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से सेवा सम्बन्धी प्रकरणों का निराकरण करने हेतु वीडियो अथवा पोस्ट अपलोड/साक्षा नहीं किया जायेगा। कार्मिकाें द्वारा अपने सेवा सम्बन्धी प्रकरणों के निस्तारण हेतु विभागीय प्रक्रिया का पालन किया जायेगा।

40. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रचलित ऑनलाइन पॉल/वोटिंग पर किसी भी सरकारी सोशल मीडिया अकाउंट से बिना अनुमति के प्रतिभाग नहीं किया जायेगा और नहीं उक्त सम्बन्ध में कोई टिप्पणी की जायेगी।

41. पुलिसकर्मियों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किसी भी व्यक्ति को ट्रोल अथवा बुली (Bullying) नहीं किया जायेगा।

 

 

देहरादून में दून पुलिस ने निरंजनपुर मंडी चौक पर नशे के विरुद्ध चलाए अभियान

 

Leave a Comment