



उत्तराखंड सरकार ने राज्य में शराब दुकानों को लेकर स्थानीय जनता की आपत्तियों को गंभीरता से लेते हुए बड़ा फैसला लिया है। जिन शराब दुकानों का स्थानीय स्तर पर विरोध हो रहा था, उनके लाइसेंस आबकारी विभाग द्वारा तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिए गए हैं।
आबकारी आयुक्त हरिश्चंद्र सेमवाल ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि आबकारी नीति के नियमों का पालन करते हुए, जिस भी दुकान को लेकर जन विरोध है, उसे तुरंत बंद कराया जाए।
यह कदम सरकार की जनभावनाओं के प्रति संवेदनशीलता और कानून व्यवस्था बनाए रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। राज्य सरकार का स्पष्ट संदेश है कि स्थानीय जनता की सहमति के बिना किसी भी क्षेत्र में शराब दुकानें संचालित नहीं की जाएंगी।
इस फैसले से कई स्थानों पर चल रहे विरोध प्रदर्शन अब शांत हो सकते हैं, वहीं जनता ने भी सरकार के इस कदम का स्वागत किया है।