लेखपालों का सेवा के अधिकार से संबंधित कार्यों का बहिष्कार जारी.

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बीते सात मार्च से लेखपालों का कार्य बहिष्कार जारी है। इस कारण प्रमाणपत्रों से संबंधित कार्य नहीं हो पा रहे हैं। लोग प्रमाणपत्र की आस में प्रतिदिन तहसील पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें बैरंग लौटना पड़ रहा है।

वर्तमान में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत दाखिल प्रक्रिया शुरू हो चुकी हैं। प्रमाणपत्र न बनने से अभिभावक चिंतित हैं। वे प्रवेश के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।

उत्तराखंड लेखपाल संघ के आह्वान पर मैदानी क्षेत्रों में कार्यरत सभी लेखपालों ने सेवा के अधिकार से संबंधित कार्यों का बहिष्कार किया हुआ है। वर्तमान में प्रमाणपत्र बनाने की प्रक्रिया ऑनलाइन है। आवेदन करने पर लेखपाल अपनी रिपोर्ट लगाते हैं, लेकिन रिपोर्ट न लगने से लोगों को प्रमाण पत्र निर्गत नहीं हो पा रहे हैं। लेखपालों के कार्य बहिष्कार के चलते जाति, निवास, आय, उत्तरजीवी, हैसियत आदि प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं। मार्च में ठेकेदारी के लिए भी पंजीकरण होते हैं। हैसियत प्रमाणपत्र न बन पाने के कारण लोग रजिस्ट्रेशन भी नहीं करा पा रहे हैं।


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